Kuja dosha in Hindi कुजदोष
कुजदोष
दोंनो भौहों का बीच को कूटस्थ व आज्ञा पाजिटिव चक्र कहते है!
क्रियायोग साधना सारे दुःख का निवारण करेगा!
सीधा वज्रासन, पद्मासन अथवा सुखासन मे अग्निमुद्र में बैठिए! मणिपुर चक्र का उप्पर तनाव डालिए! उस चक्र का उप्पर चेतना लगाईये!
शरीर संतुलित होना, वजन घटना, मोटापा कम होना, उष्णता वृद्धि,
शरीर संतुलbad
Cholesterol को नियमित करना, मधुमेह(Diabetes) and Liver-related problems, तनाव मे कमी (body tension )
अनामिका अंगुली को मोडकर अंगुष्ठ के मूल मे लगाए और दबाए। शेष अंगुलिया सीधी रखें।
हम अभी 108 बार मणिपुर चक्र में ‘रम्’ का उच्चारण करेंगे!
हम अभी 108 बार मणिपुर चक्र में ड ढ ण त थ द ध न प फ
का उच्चारण करेंगे!
इस से कुजदोष निवारण होगा! 41 दिन प्रातः और शाम दोनों समय में करना चाहिए!
इस से Diabetes,
paralysis, spleen, eye, anus, stomach, negative thinking, समस्याए निकलजायेगा, शांति और सौभाग्य मिलेगा!.
इडा यानी बाए तरफ सिंह राशि, दाहिने पक्ष में कन्या राशि होते है!
मणिपुर चक्र में तनाव डालिए, मन और दृष्टि मणिपुर चक्र में रखिये !
शतृ भय निकलाजायेगा! गलती करने कम होजायेगा!
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