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कनकधारा स्तोत्रम्

कनकधारा स्तोत्रम् – जगद्गुरु अदि शंकराचार्य. देवी लक्ष्मी कनकधारा का अर्थ सुवर्णधारा है! इस सुवर्णधारा से ही समस्थ जगत उद्भव हुआ है! इस जगत उत्पत्ति का आधार इस सुवर्णधारा ही है!   धारा धारा धारा धारा धारा बोलते हुवे राधा बनाता है! राधा का अर्थ विश्व आधारशक्ति है!   इस सुवर्णधारा को ही प्रकाश , बिजली , अथवा चेतना कहते है! सुवर्णधारा को माया कहते है! मा का अर्थ नहीं , या का अर्थ यदार्थ है! यह सभी में कुंडलिनी शक्ती का रूप विराजमान है! परमात्म चेताना को   Potential energy , और स्त्री शक्ति को   Female energy को  kinetic energy कहते है! इस का अर्थ स्थिर energy को potential energy, और चंचल अथवा moving energy को Female energy कहते है! Stable energy Potential energy, और स्पंदना सहित energy kinetic energy. Cosmic consciousness  का अर्थ ब्रह्मांडा/परमात्म चेतना है! मनुष्य में इस ब्रह्मांड चेतना परिवर्तन हो कर Krishna consciousness अथवा कृष्ण चेतना कहते है! परमात्म चेतना को   Macro Cosmic consciousness कहते है! आत्म चेतना को   M i cro Cosmic consciousness कहते ह