अष्टांगयोग
अष्टांगयोग का मतलब=अष्ट+अंग है!
1) यम; अ)अहिंसा, आ)सत्य, इ)आस्तेय ई)ब्रह्मचर्य और उ)अपरिग्रह!
अ) अहिंसा का मतलब किसी को भौतिक और मानसिक रूप से चोट नही पहुंचाना! (अहिंसासमतास्तिथि) 10-----5 (अहिंसाक्षांतिरार्जवम) 13-----8
आ)सत्य:-सच(सत्यंप्रियहितंचयत) 17-----5
इ)आस्तेय:- किसी भी तरह की चोरी नही करना! (अनपॆक्ष्यसुचिर्लक्ष्य).. 12----16 ई)ब्रह्मचर्य(ब्रह्मचारिव्रतेस्थ्तः) 6----14
उ)अपरिग्रह:-लालच नही होना (कामंक्रोधंपरिग्रहम्विमुच्य) 8-----53
2) नियम- अ)शौच, आ) संतोष, इ)तप, ई)स्वाध्याय और उ)ईश्वरप्रणिधाण! अ)शौच:-मन और शरीर को शुद्ध रखना (तेजक्षमाधृतिशौचं) 16-----3 आ)संतोष:-संतृप्ति (संतोषाःसततम योगी) 12----14 इ)तप:-तपस्या(तपोमानसमुच्यते) 17—16 ई)स्वाध्याय:-अपने आपको (स्वयं को)पढना! (स्वाध्यायाभ्यसनंचैव) 17—15 उ) ईश्वरप्रणिधान:- मामेकंशरणमव्रज 18—66
3) आसन:- स्थिरमानसमात्मनः 6---11
4)प्राणायाम:-प्राणापानसमायुक्त्वा 5--27
5) प्रत्याहार:- यतोयतोनिश्चरति 6—26
6) धारणा:- मय्येनमनाधस्त्व 12---8
7) ध्यान:- ध्यानेनात्मनि पश्यंति 13---25
8) समाधि:- समाधावचलाक़्बुद्धि 2----53
Comments
Post a Comment