Chamundi mantra with Hindi commentary
https://youtu.be/3TfgNoJZdkYchammundi mantra with Hindi commentary
मै अभी महत्वपूर्ण चामुंडी मूलामंत्रम का उच्छारण करेंगे!
सीदा बैठिये, पूरब को सामना कीजिए,
मन और दृष्टि कूटस्थ में रखिये,
इन मुद्रोम्
को चक्र का अनुसार apply करना चाहिए!
मूलाधार - पृथ्वी मुद्रा - अनामिका और अन्गुष्ट दबाओ, बाकी उंगुलिया
सीदा रखो.
स्वाधिष्ठान-
वरुणमुद्रा - कनिष्ठ और अन्गुष्ट दबाओ, बाकी उंगुलिया सीदा रखो.
मणिपुर – अग्नि मुद्रा - अनामिका और अन्गुष्ट मूल दबाओ, बाकी उंगुलिया सीदा
रखो.
अनाहत– वायु मुद्रा
- तर्जनी और अन्गुष्ट मूल दबाओ, बाकी उंगुलिया सीदा रखो.
विशुद्ध –शून्य मुद्रा
- मध्यमा और अन्गुष्ट मूल दबाओ, बाकी उंगुलिया सीदा रखो.
आज्ञा नेगटिव– ज्ञान मुद्रा
- तर्जनी और अन्गुष्ट दबाओ, बाकी उंगुलिया सीदा रखो.
कूटस्थor आज्ञा पाजिटिव– ज्ञान मुद्रा
- - तर्जनी और अन्गुष्ट दबाओ, बाकी उंगुलिया सीदा रखो.
सहस्रार – सहज मुद्रा - दोनों हाथों का उम्गुलिया एक का अन्दर ऐसा रख के नाभी का
नीचे दबाओ, दोनों अन्गुष्टो से नाभी दबाओ
ॐ ह्रैम्
ह्रीम् क्रीम् चामुंडायैनमः
ॐ- मूलाधार - पृथ्वी मुद्रा
ह्रैम् - स्वाधिष्ठान-
वरुणमुद्रा
ह्रीम् -
मणिपुर – अग्नि मुद्रा
क्रीम् -
अनाहत– वायु मुद्रा
चामुंडायै -
विशुद्ध –शून्य मुद्रा
नमः – कूटस्थ
अथवाr आज्ञा पाजिटिव– ज्ञान मुद्रा
चक्र का अनुसार मुद्रा डालना! तनाव डालना, एकाग्रता रखना! 108 बार कमसेकम 41 दिन सुबह और शाम पढ़ने से धैर्य और स्थैर्य लभ्य होगा! काम सफल होगा! अथवा ज्ञान
मुद्रा अथवा सहज मुद्रा लगा के कूटस्थ में
इस मंत्र करे!
Comments
Post a Comment