kriyayogasadhana- vinaayaka in Hindi

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये नमः
भगवान गणपति जीवन का मूलाधार शक्ति है! इस बीज मंत्र साधक का चारों ओर एक औरा सृष्टि करता है! साधक का मन को उप्पर उठाके समाधि मिलादेता है! मन को तेज बनाएगा! विद्यार्थियों को स्मृति शक्ति में बढ़ावा देता है!  
वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटि समप्रभ 
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा


 अगजानन पद्मार्कम् गजाननम् अहर्निशम्
अनेक दम् तम् भक्तानाम् एकदन्तम् उपास्महे


प्रकटितार्थ:
अगजा = पार्वती  आनन = मुख; पद्मा = कमल फूल;अर्कम् = सूरज; गज = हाथी; आनन = चेहरा; अहः= दिन; निशम् =रात  ; अहर्निशम् = दिन और रात(नित्यं) अनेक = बहुत दम् = देनेवाला; तम् = तुम्हारा; भक्तानां = भक्तों को; एक = एक; एकदन्तम् = दाँत; उपास्महे =जिसका उप्पर मै ध्यान करूंगा  

अर्थहाथी जैसा मुखवाला गणेश को नित्यं देख के, पार्वती देवी का चेहरा प्रकाशित हुआ, जैसा सूरज को देखकर कमल खिलता है! मै उस एक दाँतवाला भगवान गणेश को ध्यान करता हु जो भक्तों का धर्मबद्ध वरों को देता है!

अंतरार्थ:
अगजा =स्थिर  आनन पद्मार्कम् =जो परमात्म  शक्ति का प्रकाश से विराजमान है अथवा स्वयं प्रकाश से विराजमान है ; गजाननम् अहर्निशम्= जिस का चेहरा दिन और रात(नित्यं) शुद्ज्ञान से प्रकाशित है, अनेक दम् तम् भक्तानाम् = जिसको भक्तों अनेक रूपों से पूजा करते है    एकदम् तम् =वह है एक ही है  उपास्महे = जिसको मई ध्यान करूंगा!    

अर्थस्थिर, जो परमात्म  शक्ति का प्रकाश से विराजमान है अथवा स्वयं प्रकाश से विराजमान है; जिस का चेहरा दिन और रात(नित्यं) शुद्ज्ञान से प्रकाशित है, जिसको भक्तों अनेक रूपों से पूजा करते है, वह है एक ही है, जिसको मई ध्यान करूंगा!

Comments

Popular posts from this blog

Mantrapushpam with Telugu meaning మంత్రపుష్పం

49 Maruts mentioned by Sri Sri Yogiraj LahiriMahasya Maharaj

Shree vidya upaasana