क्रियायोगसधना अभ्यास करो
जैगुरु, भूतकाल मरगया, भविष्यत काल का जन्म नहीं हुआ, इन का बारे में चर्चा वृथा है! वर्तमान काल परमात्मा मनुष्य का दिया हुआ वरदान है! हम भूतकाल का महात्मों का बारे में चर्चा करके आनंदित होते है! भविष्यत काल के लिए कठोर परिश्रम करके पैसा कमाते है! परन्तु रुग्माता का हेतु भविष्यत में खाभी नहीं सकेगा, बुढापे का हेतु मूल्यवान ध्यान भी नहीं करापायेगा, इन् रंगीन रूपिया कागजों को दोमक (Termites) अथवा चूहे शिथिल करा सकते है! अनसूया अहल्या अरुंधती इत्यादि पतिव्रतो का बारे में प्रशंसा करते है! परन्तु हमारे लिए हमारा बच्चे के लिए अहर्निश परिश्रम करने हमारा स्त्रीयों का बारे में सोचते नहीं है! एक स्वल्प प्रशंसा इन को बहुत आनंद देगा! वशिस्ट विश्वामित्र विवेकानंदा योगानान्दा इत्यादि महानुभावो को पूजा करते है! ए सब भूतकाल का महापुरुष थे! परन्तु हम उन जैसा रहन पान करने क्यों नहीं प्रयत्न करते? वैसा नहीं करने में क्या लाभ है? इन महापुरुषों का बोधन केवल सुनने पढ़ने से लाभ नहीं है! उन जैसे ध्यान करना आवश्यक है! क्रियायोग सीखो, करो, उन जैसा बनो! Prem &OM K.M....